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Wednesday, June 8, 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 127)

(१) यारो के बिच याराना सिख गए !
थोरा सुर लगाया और तराना सिख गए !!
सब कुछ ठीक था अपने जिंदगी में...!
गलत तो तब हुआ जब दिल लगाना सिख गए !!

(२) एक दिन इस दुनियाँ से हम चले जायेंगे !
हजारों तारों में हम आपको नज़र आयेंगे !!
आप कोई ख्वाइश खुदा से माँगना....!!
हम उसे पूरा करने के लिए उसी वक्त टूट जायेंगे !!

(३) मेरे आगोश में मरने की दुवा करती थी !
वो मुझे अपनी जिंदगी कहा करती थी !!
बात किस्मत की हैं जो जुदा हो गए हम !
वर्ना वो मुझे अपनी तक़दीर कहा करती थी !!

(४) आज हर - एक पल खुबसूरत हैं !
दिल में सिर्फ दोस्ती की सूरत हैं !!
कुछ भी कहे ये दुनियाँ हमको...!
हमें दुनियाँ से ज्यादा दोस्तों की जरुरत हैं !!

(५) फूलों को खिलना सिखाया नहीं जाता !
काँटों को चुभना बताया नहीं जाता...!!
कोई बन जाता हैं खुद से अपना !
वर्ना हर किसी को अपना बनाया नहीं जाता !!

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