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Friday, February 11, 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 40)

(१) अपने होठों पर सज़ा कर तुझे..
बस तेरा ही गीत गाना चाहता हूँ !
जलकर बुझ जाना हमारी किश्मतमें ही सही..
बस एक बार रौशन हो जाना चाहता हूँ !!


(२) दिल का दर्द पलकों के किनारों में कैद हैं...
एहसास उनका हवाओ के इसारों में कैद हैं !
उन्हें भुलाये भी तो कैसे.......
जिन्हें पाने की आरजू दिल की दीवारों में कैद हैं !!


(३) दोस्ती न कभी इम्तिहान लेती हैं...
दोस्ती न कभी इम्तिहान देती हैं !
दोस्ती वो जज़्बा हैं जो......
बारिस से भींगे चेहरे पर भी आंसुओ को पहचान लेती हैं!!


(४) अज़नबी रहो पर किसी का इंतजार मत करना !
किसी के प्यार के लिए खुद को बर्बाद मत करना !!
कोई अच्छा साथी मिल जाए तो हाथ थाम लेना पर !
दिखाबे के लिए किसी से बेईम्तिहा प्यार मत करना !!


(५) किसी को पाना चाहत नहीं होती !
ना मिल पाये तो ये किश्मत नहीं होती !!
यूँ तो मांगने से मिल जाता हैं दिल भी !
पर मांगे हुवे दिल से मोहब्बत नहीं होती !!

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