(1) तेरी दोस्ती हम इस तरह निभायेगे,
तुम रोज खपा होना हम रोज मनायेगे,
पर मान जाना मनाने से ........वर्ना.
ये भींगी पलके ले कर हम कहा जायेगे.
(2) वो रुठते रहे हम मनाते रहे,
उनकी राहों में पलके बिछाते रहे,
उसने कभी पलट के भी नहीं देखा,
हम आँख झपकने से भी कतराते रहे.
(3) वो इंकार करते हैं इकरार के लिए,
नफरत भी करते हैं तो प्यार के लिए,
उलटी चाल चलते हैं ये इश्क वाले,
आँखे बंद करते हैं दीदार के लिए.
(4) उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता हैं,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता हैं,
दिल टूटकर बिखरता हैं इस कदर जैसे,
कोई काँच का खिलौना चूर-चूर होता हैं.
(5) वादा न करो अगर तुम निभा न सको,
चाहो न उन्हें जिसे तुम पा न सको,
वैसे दोस्त तो दुनियाँ में बहुत होते हैं,
पर एक खास रखो जिसके बिना तुम मुस्कुरा न सको.
तुम रोज खपा होना हम रोज मनायेगे,
पर मान जाना मनाने से ........वर्ना.
ये भींगी पलके ले कर हम कहा जायेगे.
(2) वो रुठते रहे हम मनाते रहे,
उनकी राहों में पलके बिछाते रहे,
उसने कभी पलट के भी नहीं देखा,
हम आँख झपकने से भी कतराते रहे.
(3) वो इंकार करते हैं इकरार के लिए,
नफरत भी करते हैं तो प्यार के लिए,
उलटी चाल चलते हैं ये इश्क वाले,
आँखे बंद करते हैं दीदार के लिए.
(4) उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता हैं,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता हैं,
दिल टूटकर बिखरता हैं इस कदर जैसे,
कोई काँच का खिलौना चूर-चूर होता हैं.
(5) वादा न करो अगर तुम निभा न सको,
चाहो न उन्हें जिसे तुम पा न सको,
वैसे दोस्त तो दुनियाँ में बहुत होते हैं,
पर एक खास रखो जिसके बिना तुम मुस्कुरा न सको.
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