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Friday, July 6, 2012

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 157)

(१) हर सपना किसी का पूरा नहीं होता !
कोई किसी के बिना अधुरा नहीं होता !!
जो रौशन करता हैं सब रातों को....!
वो चाँद भी तो हर रात पूरा नहीं होता !!

(२) उसे उदास कर खुद भी रोना हैं !
ये हादसा जाने क्यों होना हैं...!!
तोड़ कर दिल मेरा यूँ जाते हैं वो अक्सर !
जैसे उनके वास्ते दिल मेरा कोई खिलौना हैं !!

(३) क्या करूँगा उसका इंतज़ार कर के !
जब चली गई वो मुझे बर्बाद कर के !!
सोचा था अपना भी एक जहाँ होगा !
मगर मिली सिर्फ तन्हाई उनसे प्यार कर के !!

(४) तेरा ख़याल तेरी आरजू न गयी !
मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी !!
इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने !
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी....!!

(५) जब भी करीब आता हूँ बताने के किये !
जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये...!!
महफ़िलों की शान न समझना मुझे !
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये !!

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