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Monday, May 23, 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 117)

(१) छोटी सी बात पे कोई शिकवा न करना !
कोई भूल हो जाए हमसे तो माफ़ करना !!
नाराज़ तब होना जब हम रिश्ता तोर देंगे !
क्योकि ऐसा तो तब होगा जब हम दुनियाँ छोर देंगे !!

(२) प्यार में किसी को खोना भी जिंदगी हैं !
जिंदगी में गमो का होना भी जिंदगी हैं !!
यूँ तो रहते हैं होठों पे मुस्कुराहट....!
पर शायद चुपके से रोना भी जिंदगी हैं !!

(३) भींग जाती हैं पलके तन्हाई में !
डरते हैं कोई जान न लें.....!!
पसंद करते हैं तेज़ बरसात में चलना !
कही रोते हुए को कोई पहचान न ले !!

(४) जिंदगी चाहत का एक सिलसिला हैं !
कोई मिल जाता हैं, कोई बिछर जाता हैं !!
जिसे मांगते हैं हम अपनी दुवा में...!
वो किसी और को बिन मांगे मिल जाता हैं !!


(५) तक़दीर के रंग कितने अजीब हैं !
अनजाने रिश्ते हैं फिर भी अजीब हैं !!
किसी को दोस्त आपके जैसा नहीं मिला !
मुझे अनजाने में आप मिले ये नसीब हैं !!

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