(१) ख्वाबो की बरात सजाना मुस्किल हैं !
आपकी मुलाकात को भुलाना मुस्किल हैं !!
इस कदर रंगा हैं दिल आप के प्यार में !
की इस दिल से आप को निकालना मुस्किल हैं !!
(२) तेरी ख़ामोशी मुझे तेरी ओर खिचती हैं !
मेरी हर आह तेरी तकलीफ समझती हैं !!
मालूम हैं की मजबूर हो तुम......!
फिर भी मेरी नज़र तेरे दीदार को तरसती हैं !!
(३) सब से अलग सबसे न्यारे हो आप !
तारीफ पूरी न हो इतने प्यारे हो आप !!
आज पता चला ज़माना क्यों जलता हैं आपसे !
क्योकि दोस्त तो आखिर हमारे हो आप !!
(४) कही पर गम कही सरगम !
ये सारे कुदरत का नज़ारे हैं !!
प्यासे तो वो भी रह जाते हैं !
जो दरिया के किनारे हैं !!
(५) तरसते थे जो मिलने को हमसे कभी !
आज वो मेरे साए से कतराते हैं !!
हम भी वही हैं दिल भी वही हैं !
न जाने क्यों लोग बदल जाते हैं !!
Wednesday, April 27, 2011
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