(१) हम मौजूद थे उजालो के तरह !
वो निकले ही नहीं ढूंढ़नेवालो की तरह !!
दिल तो क्या हम रूह में भी उतर जाते !
उसने चाहा नहीं चाहने वालो की तरह !!
(२) कुछ पल में सब दूर होते गए !
वक्त के आगे मजबूर होते गए !!
बस हम बेवफ़ा बने.....!
और सब बेकसूर होते गए !!
(३) हमारी गलतियों से टूट न जाना !
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना !!
तुम्हारी दोस्ती ही हमारी जिंदगी हैं !
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना !!
(४) तन्हाई का उसने मंजर नहीं देखा !
अफ़सोस की मेरे दिल के अंदर नहीं देखा !!
दिल टूटने का दर्द वो क्या जाने.... !
जो उस लम्हों को जी कर नहीं देखा !!
(५) मेरे मोहब्बत का एतबार कर लो !
भुला के ज़माना हम से प्यार कर लो !!
चुरा लेंगे एक दिन जहाँ से तुझे....!
चाहे जितना भी तुम इनकार कर लो !!
Tuesday, April 26, 2011
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment