(१) भींगी पलकों के साथ आँखे नाम थी !
जिंदगी उन से शुरू उन्ही पर ख़तम थी !!
वो रूठ के दूर चले गए हम से.....!
शायद उन्हें लगा की हमें उनसे मोहब्बत कम थी !!
(२) मुदत्त से थी उनसे मिलने की आरजू !
ख्वाइश-ए-दीदार में सब कुछ गवा दिया !!
किसी ने कहा वो आयेंगे रातो को.....!
इतना किया उजाला की घर तक जला दिया !!
(३) किस ने कहा की अनजान बन के आया करो !
दिल के आइने में मेहमान बन के आया करो !!
तुझे ही बक्षी हैं दिल की हुकूमत.....!
ये तेरी सल्तनत हैं सुलतान बन के आया करो !!
(४) क्यों कोई मुझे याद करेगा !
क्यों कोई मेरे लिए फरियाद करेगा !
अरे मैं तो एक आवारा पागल हूँ !
कौन पागल के लिए अपना कीमती वक्त बर्बाद करेगा !!
(५) मजबूरियों को हम आँखों में छुपा लेते हैं !
हम कहाँ रोते हैं हालात रुला देते हैं !!
हम तो हर पल याद करते हैं आपको !
पर आप याद न करने का इलज़ाम लगा देते हैं !!
Saturday, April 23, 2011
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