(१) बहुत खुबशुरत हो तुम !
खुद को दुनियाँ की नज़रों से बचाया करो !!
सिर्फ आँखों में काजल ही नहीं...!
गले में निम्बू मिर्च भी लटकाया करो !!
(२) बहुत खुबशुरत हैं ये दुवा हमारी !
फूलों की तरह महके ये जिंदगी तुम्हारी !!
मुझे क्या चाहिए और जिंदगी से.... !
बस कभी ख़त्म न हो ये दोस्ती हमारी !!
(३) बात - बात पे लोग रूठ जाते हैं !
हाथ उनके अनजाने में छुट जाते हैं !!
कहते हैं बार नाज़ुक हैं प्यार का रिश्ता !
इसमें हँसते - हँसते भी दिल टूट जाते हैं !!
(४) भूल शायद बहुत बरी करली !
हमने दुनियाँ से दोस्ती करली !!
तुम मोहब्बत को खेल समझते हो !
हम ने तो बर्बाद अपनी जिंदगी करली !!
(५) जिंदगी गुजर जाएगी आहिस्ता - आहिस्ता !
फिर ये वक्त याद आएगा आहिस्ता - आहिस्ता !!
क्या आप मुझे याद रखोगे हमेशा....!
या फिर याद मिट जाएगी आहिस्ता - आहिस्ता !!
Monday, April 18, 2011
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