(१) इतना सजाओ मेरे जनाज़े को यारो !
की उनकी आँखों से आंसू न आए !!
सारी उम्र तो नफरत थी उन्हें हमसे !
कम से कम जनाज़ा से तो रूठ कर न जाए !!
(२) दिल से तेरी याद को जुदा तो नहीं किया !
रखा जो तुझे याद बुरा तो नहीं किया !!
हमसे तुम हो नाराज़ किस लिए ?!
हमने कभी तुम्हे खफा तो नहीं किया ?!!
(३) दर्द दिल का अब सहा नहीं जाता !
बिन तेरे अब रहा नहीं जाता !!
लोग कहते हैं बेवफा तुझको !
मुझसे ये भी कहा नहीं जाता !!
(४) दिल जिसे भूलना चाहता हैं !
हर बात पे वाही क्यों याद आता हैं ?!
लम्हा - लम्हा तड़प जाते हैं हम !
जब भी लावो पे उसका नाम आता हैं !!
(५) ग़म कभी ख़त्म नहीं होता !
ये बताने से भी कम नहीं होता !!
ये तो हमसफर हैं उन तनहा दिलो का !
जिसके साथ उनका हमदम नहीं होता !!
Wednesday, March 30, 2011
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