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Monday, October 25, 2010

रात भर रो न सके



बिखरे अरमानों के मोती हम पिरो न सके
तेरे याद में सारी रात हम सो न सके,
भीग न जाये आँसुओं में तस्वीर तेरी
बस यही सोच कर हम रात भर रो न सके.

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