Ganesh Chaturthi Essay in Hindi (100 शब्द)
गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का अत्यधिक मुख्य तथा बहुत प्रसिद्ध पर्व है। इसे हर साल अगस्त या सितंबर के महीने में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। ये भगवान गणेश के जन्म दिवस के रुप में मनाया जाता है जो माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र है। ये बुद्धि और समृद्धि के भगवान है इसलिये इन दोनों को पाने के लिये लोग इनकी पूजा करते है। लोग गणेश की मिट्टी की प्रतिमा लाते है और चतुर्थी पर घर पर रखते है तथा 10 दिन तक उनकी भक्ति करते है और उसके बाद अनन्त चतुर्दशी के दिन अर्थात् 11वें दिन गणेश विसर्जन करते है।
गणेश चतुर्थी पर निबंध 2 (150 शब्द)
गणेश चतुर्थी एक हिन्दू पर्व है जो उनके जन्मदिन के अवसर पर उनका स्वागत करने के लिये हर वर्ष मनाया जाता है। वो माता पार्वती और भगवान शिव के प्यारे बेटे है। पूरे भारत में हिन्दू धर्म के लोग ये मानते है कि हर वर्ष गणेश जी धरती पर पधारते है और लोगों को उनका मनचाहा आशीर्वाद प्रदान करते है। भगवान गणेश हिन्दू धर्म के बहुत प्रसिद्ध ईश्वर है जो भक्तों को बुद्धि और समृद्धि प्रदान करते है।
वो लोगों के जीवन से सभी बाधाओं और मुश्किलों को हटाते है साथ ही साथ उनके जीवन को खुशियों से भर देते है। कोई भी नया काम करने से पहले भारत में लोग भगवान गणेश की पूजा करते है। वो सभी बच्चों के लिये सबसे प्यारे भगवान है। बच्चे प्यार से उन्हें दोस्त गणेशा कहते है क्योंकि वो उनको प्यार करते है तथा ध्यान रखते है। 10 दिनों के लिये अगस्त और सितंबर के महीने में हर साल लोग गणेश चतुर्थी मनाते है। इसकी पूजा चतुर्थी के दिन शुरुआत होती है तथा खत्म होती है अनन्त चतुर्दशी के दिन।
Short Ganesh Chaturthi Essay 3 (200 शब्द)
भारत में गणेश चतुर्थी सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला उत्सव है। लोग इस पर्व का उत्साहपूर्वक इंतजार करते है। ये देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है हालाँकि महाराष्ट्रा में, ये खासतौर से मनाया जाता है। ये हिन्दूओं का बहुत ही महत्वपूर्ण त्योंहार है जिसे भक्तों द्वारा हर वर्ष बड़े ही तैयारी और उत्साह से मनाते है। हिन्दू मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी हर साल भगवान गणेश के जन्मदिवस पर मनाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी बुलाया जाता है अर्थात भक्तों के सभी बाधाओं को मिटाने वाला तथा विघ्नकर्ता का अर्थ है राक्षसों के लिये मुश्किल पैदा करने वाला।
गणेश चतुर्थी एक 11 दिनों का लंबा हिन्दू उत्सव है जो चतुर्थी के दिन घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना से शुरु होता है तथा गणेश विसर्जन के साथ अनन्त चतुर्दशी पर खत्म होता है। भक्त भगवान गणेश से प्रार्थना करते है, खासतौर से मोदक चढ़ाते है, भक्ति गीत गाते है, मंत्रोंच्चारण करते है, आरती करने के साथ ही उनसे बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते है। इसे समुदाय या मंदिर या पंडालों में लोगों के समूह द्वारा, परिवार या अकेले मनाया जाता है। गणेश विसर्जन (अर्थात पानी में मूर्ति को बहाना) पूजा का एक महत्वपूर्ण और खास भाग है। इसे गणेश विसर्जन के मुहुर्त के अनुसार किया जाता है। इस पूजा में घरों के बच्चे सक्रियता से शामिल होते है तथा आशीर्वाद प्राप्त करते है।
My Favourite Festival Ganesh Chaturthi Essay in Hindi 4 (250 शब्द)
गणेश चतुर्थी एक हिन्दू उत्सव है जो हर साल अगस्त और सितंबर के महीने में आता है। इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। तब से लोग हिन्दू धर्म के लोग गणेश के जन्मदिन को हर साल गणेश चतुर्थी पर्व के रुप में मनाते है। भगवान गणेश सभी के प्रिय है खासतौर से बच्चों के। ये ज्ञान और संपत्ति के भगवान है और बच्चों में ये दोस्त गणेशा के नाम से प्रसिद्ध है। ये भगवान शिव और माता पार्वती के प्यारे पुत्र है। एक बार भगवान गणेश का सर भगवान शिव के द्वारा काट दिया गया था लेकिन फिर एक हाथी का सर उनके धड़ से जोड़ दिया गया। इस तरह इन्होंने अपना जीवन दुबारा पाया और जिसे गणेश चतुर्थी के उत्सव के रुप में मनाया जाता है।
इस उत्सव में लोग गणेश की मूर्ति को घर ले आते है अगले 10 दिनों तक पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते है। अनन्त चतुर्दशी अर्थात् 11वें दिन गणेश विसर्जन करते है और अगले वर्ष दुबारा आने की कामना करते है। लोग उनकी पूजा बुद्धि तथा समृद्धि की प्राप्ति के लिये करते है। इस उत्सव को विनायक चतुर्थी या विनायक छविथी (संस्कृत में) भी कहते है।
शुक्ल पक्ष चतुर्थी में भाद्रपद के हिन्दी महीने में इस उत्सव को देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि, पहली बार चन्द्रमा के द्वारा गणेश का व्रत रखा गया था क्योंकि अपने दुर्व्यवहार के लिये गणेश द्वारा वो शापित थे। गणेश की पूजा के बाद, चनद्रमा को ज्ञान तथा सुंदरता का आशीर्वाद मिला। भगवान गणेश हिन्दुओं के सबसे बड़े भगवान है जो अपने भक्तों को बुद्धि, समृद्धि तथा संपत्ति का आशीर्वाद देते है। मूर्ति विसर्जन के बाद अनन्त चतुर्दशी पर गणेश चतुर्थी उत्सव समाप्त होता है। भगवान विनायक सभी अच्छी चीजों के रक्षक और सभी बाधाओं को हटाने वाले है।
Essay On Ganesh Chaturthi Festival in Hindi Language 5 (300 शब्द)
भारत में गणेश चतुर्थी सबसे प्रसिद्ध त्योंहार है। इसे हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा हर साल बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। खासतौर से बच्चे भगवान गणेश को बहुत पसंद करते है और उनकी पूजा कर बुद्धि तथा सौभग्य का आशीर्वाद प्राप्त करते है। लोग इस पर्व की तैयारी एक महीने पहले, हफ्ते या उसी दिन से शुरु कर देते है। इस उत्सवी माहौल में बाजार अपनी पूरी लय में रहता है। हर जगह दुकानें गणेश की मूर्तियों से भरी रहती है और लोगों के लिये प्रतिमा की बिक्री को बढ़ाने के लिये बिजली की रोशनी की जाती है।
भक्तगण भगवान गणेश को अपने घर ले आते है तथा पूरी आस्था से मूर्ती की स्थापना करते है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जब गणेश जी घर पर आते है तो ढ़ेर सारी सुख, समृद्धि, बुद्धि और खुशी ले आते है हालाँकि जब वो हमारे घर से प्रस्थान करते है तो हमारी सारी बाधाएँ तथा परेशानियों को साथ ले जाते है। भगवान गणेश को बच्चे बहुत प्रिय है और उनके द्वारा उन्हें मित्र गणेश बुलाते है। लोगों का समूह गणेश जी की पूजा करने के पंडाल तैयार करता है। वो लोग पंडाल को फूलों और प्रकाश के द्वारा आकर्षक रुप से सजाते है। आसपास के बहुत सारे लोग प्रतिदिन उस पंडाल में प्रार्थना और अपनी इच्छाओं के लिये आते है। भक्तगण भगवान गणेश को बहुत सारी चीजें चढ़ाते है जिसमें मोदक उनका सबसे पसंदीदा है।
ये उत्सव 10 दिनों के लिये अगस्त और सितंबर में मनाया जाता है गणेश चतुर्थी पूजा दो प्रक्रियाओं को शामिल करती है; पहला मूर्ति स्थापना और दूसरा मूर्ति विसर्जन (इसे गणेश विसर्जन भी कहा जाता है)। हिन्दू धर्म में एक रीति प्राणप्रतिष्ठा पूजा की जाती है (मूर्ति में उनके पवित्र आगमन के लिये) तथा शोधसोपचरा (भगवान को 16 तरीकों से सम्मान देना)। 10 दिनों की पूजा के दौरान कपूर, लाल चन्दन, लाल फूल, नारियल, गुड़, मोदक और दुरवा घास चढ़ाने की प्रथा है। पूजा की समाप्ति के समय गणेश विसर्जन में लोगों भारी भीड़ विघ्नहर्ता को खुशी-खुशी विदा करती है।
गणेश चतुर्थी पर निबंध 6 (400 शब्द)
गणेश चतुर्थी मनाने के दौरान लोग भगवान गणेश (विघ्नेश्वर) की पूजा करते है। गणेश हिन्दू धर्म में सबसे प्रसिद्ध देवता है जो परिवार के सभी सदस्यों द्वार पूजे जाते है। किसी भी क्षेत्र में कोई भी नये कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी लोगों द्वारा हमेशा पूजे जाते है। ये उत्सव खासतौर से महाराष्ट्रा में मनाया जाता है हालाँकि अब ये भारत के लगभग सभी राज्यों में मनाया जाता है। ये हिन्दूओं का महत्वपूर्ण पर्व है। लोग गणेश चतुर्थी पर पूरी भक्ति और श्रद्धा से ज्ञान और समृद्धि के भगवान की पूजा करते है।
लोग ऐसा भरोसा करते है कि गणेश जी हर साल ढ़ेर सारी खुशी और समृद्धि के साथ आते है और जाते वक्त सभी दुखों को हर जाते हैं। इस उत्सव पर गणेश जी को खुश करने लिये भक्त विभिन्न प्रकार की तैयारियाँ करते है। उनके सम्मान और स्वागत के लिये गणेश जी के जन्मदिवस के रुप में इसे मनाया जाता है। ये उत्सव भाद्रपद (अगस्त और सितंबर) के महीने में शुक्ल पक्ष में चतुर्थी पर शुरु होता है और 11वें दिन अनन्त चतुर्दशी पर खत्म होता है। हिन्दू धर्म में गणेश की पूजा बहुत मायने रखती है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई पूरी भक्ति और विश्वास के साथ उनकी पूजा करेगा उसे वो खुशी, ज्ञान, घन तथा लंबी आयु प्रदान करेंगे।
गणेश चतुर्थी के दिन लोग सुबह जल्दी ही स्नान कर लेते है, साफ कपड़े पहन कर भगवान की पूजा करते है। वो मंत्रोच्चारण, आरती गाकर, हिन्दू धर्म के दूसरे रिती-रिवाज निभाकर, भक्ति गीत गाकर भगवान को बहुत कुछ चढ़ाते है और प्रार्थना करते है। इसके पहले ये उत्सव केवल कुछ परिवारों में ही मनाया जाता था। बाद में ये बड़े उत्सव के रुप में मनाया जाने लगा हालाँकि बाद में इसको बड़ा बनाने के लिये इसमें मूर्ति स्थापना और विसर्जन शामिल किया गया साथ ही इससे दुखों से मुक्ति मिलने लगी। 1983 में इसे लोकमान्य तिलक (सामाजिक कार्यकर्ता, भारतीय राष्ट्रवादी तथा स्वतंत्रता सेनानी) के द्वारा इस उत्सव की शुरुआत हुई। उस समय अंग्रेजी शासन से भारतीयों को बचाने के लिये एक गणेश पूजा की प्रथा बनायी।
अब के दिनों में गैर ब्राह्मण और ब्राह्मण के बीच की असमानता को हटाने के लिये एक राष्ट्रीय उत्सव के रुप में गणेश चतुर्थी मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को कई नामों से जाना जाता है इसमें से कुछ है- एकदन्ता, असीम, शक्तियों के भगवान, हेरांबा (विघ्नहर्ता), लंबोदरा, विनायक, भगवानों के भगवान, बुद्धि, समृद्धि तथा संपत्ति के भगवान आदि। गणेश विसर्जन की पूर्णं हिन्दू प्रथा के साथ 11वें दिन (अनन्त चतुर्दशी) पर लोग गणेश को विदा करते है। वो भगवान से प्रार्थना करते है कि वो अगले वर्ष फिर से पधारें और अपना आशीर्वाद दें।
Ganesh Chaturthi Festival Essay in English 1 (100 WORDS)
Ganesh Chaturthi is a highly preferred and most popular festival of the Hindu religion. It is celebrated annually in the month of August or September with big enthusiasm. It is celebrated as a birth anniversary of the Lord Ganesha. Ganesha is a son of Mata Parvati and God Shiva. Lord Ganesha is a most favourite God of everyone especially children. He is the God of wisdom and prosperity so people in Hindu religion worship him to get the same. People bring a clay statue of the Ganesha and keep in home on Chaturthi and do worship for 10 days and perform Ganesh Visarjan on 11 day means on Anant Chaturdashi.
Essay On Lord Ganesha in English 2 (150 WORDS)
Ganesha Chaturthi is a Hindu festival celebrated annually to welcome the God Ganesha on his birthday (birth anniversary). He is lovely son of Lord Shiva and Mata Parvati. People of Hindu religion all across India believe that every year Ganesha come to the earth and bestow people with lots of desirable blessings. Lord Ganesha is a most popular God of the Hindu religion who blesses devotees with wisdom and prosperity.
He is the remover of obstacles and all the problems as well as creator of happiness in the life of people. People in India worship Ganesha always before starting any new work. He is the lovely God for all children. Children call him friend Ganesha as He cares and loves children. People celebrate Ganesh Chaturthi every year in the month of August or September for 10 days. Puja starts from Chaturthi and ends on Anant Chaturdashi.
Ganesh Chaturthi Information in English 3 (200 WORDS)
Ganesh Chaturthi is one of the most celebrated festivals in India. People wait for this festival eagerly. It is celebrated in various states of the country however in Maharashtra, it is celebrated especially. It is a most important festival of Hindus which devotees celebrate every year with great preparations and enthusiasm. According to the Hindu Mythology, Ganesh Chaturthi is celebrated annually on the birthday of the Lord Ganesha. Lord Ganesha is known as Vighana Harta means remover of all obstacles for devotees and Vighana Karta means creator of problems for devil.
Ganesh Chaturthi is a 11 days long Hindu festival which starts on the Chaturthi with statue installation in the home or temple and ends on Anant Chaturdashi with Ganesha Visarjan. Devotees of Lord Ganesha offer prayer, offerings (especially Modak), sing devotional songs, recite mantra, do aarti and seek his blessings of wisdom and prosperity. It is celebrated separately by the families or group of people in the Pandals or temples or community. Ganesh Visarjan (means idol immersion into water) is a special and most important part of the puja. It is performed according to the Muhurat of the Ganesha Visarjan. Children of the houses actively involve in this puja and get blessings.
Importance Of Ganesh Chaturthi 4 (250 WORDS)
Ganesha Chaturthi is a Hindu festival falls every year in the month of August or September. Ganesha Chaturthi is a day when God Ganesha was born. From then, people of Hindu religion started celebrating birthday of the Ganesha as Ganesha Chaturthi festival annually. God Ganesha is a most favourite God of everyone especially children. He is a God of knowledge and wealth and called by the children as friend Ganesha. He is lovely son of father Shiva and mata Parvati. Once the head of God Ganesha was cut by the Lord Shiva and again added using the head of elephant. In this way he got his life back which is celebrated as festival of Ganesha Chaturthi.
People bring an idol of Ganesha to home very happily and perform puja for ten days with full devotion and faith. They perform Visarjan at the end of puja on 11th day means on Anant Chaturdashi to see off the Ganesha this year and come again next year. People pray to God for getting blessing of knowledge and wealth. This festival is also known as the Vinayaka Chaturthi or Vinayaka Chavithi (in Sanskrit).
This festival is observed in the Hindi month of Bhadrapada in the shukla paksha chathurthi (4th day of waxing moon period). It is considered that, first time the fast of Ganesha was kept by the Moon as he was cursed by the Ganesha for his misbehaviour. After the puja of Ganesha, Moon was blessed by the knowledge and beautifulness. God Ganesha is the supreme god of Hindus Who blesses his devotees with wisdom, prosperity and good fortune. Ganesha Chaturthi festival ends on Anant Chaturdashi after the idol Visarjan. Lord Vinayaka is the preserver of all good things and remover of all obstructions.
Popular Essay On Ganesh Chaturthi (300 WORDS)
Ganesh Chaturthi is a most popular festival in India. It is celebrated every year with great enthusiasm by the people of Hindu religion. Children love too much to the Lord Ganesha and worship him to get blessings of wisdom and prosperity. People start preparation of the puja a month or week before the exact date of the festival. During this festive season, market become in a full swing. Everywhere shops are decorated with the attractive idols of Ganesha and electric lightings in order to increase sales of the idol to public.
Devotees bring Lord Ganesha to their home and perform idol installation with full devotion. It is believed in the Hindu religion that when Ganesha come to home brings lots of wisdom, prosperity and happiness to the home however when go back after 10 days take away all the problems and obstacles with him. Lord Ganesha loves children too much and called as friend Ganesha by them. Group of people prepare pandal to worship Ganesha. They decorate pandal with flowers and lightings to make attractive. Many people from the nearby areas come daily to the pandal to offer prayer and offerings to the God. They offer many things and especially Modak as He loves it too much.
It is celebrated in the month of August or September for 10 days. Ganesh Chaturthi puja involves two important processes; one is idol installation and second is idol immersion (also called as Ganesh Visarjan). There is a ritual in Hindu religion to perform Pranapratishhtha Pooja (to call the God for His holy presence into the idol) and Shhodashopachara (perform worship using sixteen ways to honour the God). There is a ritual of offering of Durva grass and Modak, jaggery, coconut, red flowers, red chandan and camphor while worshiping for ten days. A huge crowd of people involve happily in the Ganesha Visarjan on the end of puja.
My Favourite Festival Ganesh Chaturthi Essay in English 6 (400 WORDS)
People worship God Ganesha (Vigneshwara) while celebrating the Ganesh Chaturthi. Ganesha is a most popular deity in the Hinduism Who is worshipped by each member of the family. He is worshipped by the people always before starting any new work in any field. This festival is especially celebrated in the state of Maharashtra however now-a-days started celebrating in almost all states. It is a most important festival of Hindu religion. People worship the God of knowledge and prosperity on Ganesha Chaturthi with full devotion and faith.
People belief that Ganesha comes every year with lots happiness and prosperity and goes after removing all the sufferings. Devotees do variety of preparations at this festival to make Ganesha happy. This is celebrated as the birth anniversary of the Ganesha to welcome and honour Him. This festival starts on Chaturthi in the Shukla Paksha in the month of Bhadrapada (August or September) and ends on 11th day on Anant Chaturdashi. Worshipping Ganesha is of great importance in Hinduism. It is believed that one who worships Him with complete devotion and faith would be blessed with happiness, knowledge, wealth and long life.
People take bath in the early morning on the day of Ganesha Chaturthi, wear clean clothes and worship God. They offer many things and pray to God by chanting mantras, aarti song, and devotional songs and perform other rituals of Hindu religion. Earlier, this festival was celebrated only in some families. Later it was started celebrating as a festival with the ritual of idol installation and idol immersion to make a big occasion as well as get free from sufferings. It was started as a festival by the Lokmanya Tilak (a social reformer, Indian nationalist and freedom fighter) in 1893. At that time he made a ritual of worshipping Ganesha to protect Indians against British rule.
Now-a-days, Ganesha Chaturthi is observed as a National Festival to remove the inequality among people of Brahmins and non-Brahmins. Lord Ganesha is known by various names some of are like Ekadanta, God of limitless powers, Heramba (obstacles remover), Lambodara, Vinayaka, God of Gods, God of wisdom, God of wealth and prosperity and many more. People see off the Ganesha on 11th day (Anant chaturdashi) with complete Hindu ritual of Ganesha Visarjan. They pray to God to come back again in next year with lots of blessings.
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