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Tuesday, May 22, 2012

बना लो क़रीब कोई ठिकाना मिलना आसान हो जाए

दफ़न हु उस के घर के पास कब्रिस्तान में, मगर फिर भी वो रोती है, 
खुद ही तो कहा करती थी , बना लो क़रीब कोई ठिकाना मिलना आसान हो जाए.

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