हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ,हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ,सुनी थी सिर्फ ग़ज़लों में जुदाई की बातें,जब खुद पर बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ..
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