टूटे हुए दिल का मुरब्बा बना गईघर को मेरे कचरे का डब्बा बना गई,निकाह के 3 महीने भी ना गुजरे थे,ना जाने किस हिसाब से वो मुझे अब्बा बना गई
No comments:
Post a Comment